कर्नाटक सरकार ने अपने राज्य के कुछ चुने हुए गांवों को सही तरीके से विकास में लाने के लिए एक नए योजना बनाई है जिसका नाम “मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना (CMAGY)” है। यह योजना केंद्र सरकार की “प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (PMAGY)” योजना के आधार पर शुरू की गई है।
मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उदेश्य राज्य में चुने हुए गांवों का सही तरीके से संपूर्ण विकास करना तथा गांवों को सामाजिक और आर्थिक रूप से प्रबल बनाना है। इन गांवों को सभी प्रकार की बुनियादी सामाजिक सुविधाएं प्रदान करना इस योजना का मुख्य उदेश्य हैं।
गांवों में जातिवाद को ख़त्म करना और समानता फैलाना जिससे की गांवों साक्षरता दर, प्राथमिक शिक्षा, शिशु मृत्यु दर/मातृ मृत्यु दर आदि आम सामाजिक और आर्थिक तत्वों में सुधार हो सके।
मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना (CMAGY) – आंकड़े
राज्य सरकार की इस योजना के तहत लगभग 150 गांवों को ‘आदर्श ग्राम’ (Modal Village) में परिवर्तन करने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमे 100 गांवों में अनुसूचित जाति के लोगों की संख्या 50% से अधिक होनी चाहिए और 50 गांवों में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों की संख्या 50% से अधिक होनी चाहिए।
कर्नाटक सरकार की इस योजना से हर गांव को इसी साल में 1 करोड़ रुपए के साथ ही केन्द्र सरकार द्वारा भी 40 करोड़ रुपए PMAGY के तहत दिए जायेंगे। कुल मिलाकर, अंतिम आंकड़े यह है की हर गांवों को 3 करोड़ रुपए दिए जायेंगे। अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनओ के लिए कई विभागों से धन इकठा करने की योजना भी बनाई जा रही है।
राज्य और केंद्र सरकार द्वारा इस योजना में जो पैसा दिया जायेगा वो सभी समुदायों से संबंधित गांव निवासियों की न्यूनतम जरूरतों को पूरा करने और पर्याप्त संस्थागत बुनियादी ढांचा तैयार करने में इस्तेमाल किया जाएगा।
CMAGY योजना की ज्यादा जानकारी योजना शुरू होने के बाद ही मिल पाएगी।