हिमाचल प्रदेश सरकार ने “मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना” के नाम से एक नयी योजना की शुरुआत की है जिसके अन्तर्गत नयी औद्योगिक इकाईयों को 3 साल तक निरिक्षण में छूट दी जायेगी। इस योजना की शुरुआत सरकार ने अपने राज्य में नए विचारों, उत्पादों, व्यवसायीकरण और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए की है।
मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना के तहत राज्य सरकार तीन वर्ष तक प्रति इनक्यूबेटर संगठन को 30 लाख रुपये तक की उदार और वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। जो भी इनक्यूबेटर संगठन नए उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बने हैं उन्हें सरकार द्वारा शिक्षा और सलाह भी दी जायेगी।
इस योजना के तहत किसी भी तरह की आधिकारिक औपचारिकता के लिए केवल स्वयं द्वारा अभिप्रमाणित (Self Attested) दस्तावेज और प्रमाण पत्र ही काफी होंगे ताकि स्टार्टअप्स को किसी भी तरह के विलम्ब या बाधाओं का सामना ना करना पड़े।
मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना का मुख्य लाभ
स्टार्टअप योजना के मुख्य लाभ इस प्रकार हैं।
- तीन साल के लिए नई औद्योगिक इकाइयों का कोई निरीक्षण नहीं होगा।
- इनक्यूबेटर संगठनों को उदार और वित्तीय सहायता दी जायगी।
- अधिकारी औपचारिकताओं के लिए सेल्फ अटेस्टेड प्रमाण पत्र पर्याप्त होंगे।
- स्टांप ड्यूटी पर 3 प्रतिशत की छूट मिलेगी।
- उद्योग विभाग द्वारा निर्धारित दर के 50 प्रतिशत पर जमीन दी जायेगी।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने पहले ही राज्य में कारोबार करने में आसानी के लिए एक बहुत कुछ कर रही है। इस नई योजना के बाद राज्य को व्यापार के हिसाब से देश के शीर्ष 10 राज्यों में गिना जा सकेगा।