प्रधानमंत्री आवास योजना मध्य प्रदेश PMAY के तहत पहली किस्त जारी मध्य प्रदेश में PMAY के अंतर्गत सिलवानी तहसील के 46,00 लाभार्थियों को पहली किस्त सरकार द्वारा आवंटित कर दी गई है। मध्य प्रदेश में PMAY के तहत लाभार्थियों का चयन सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना -2011 के आधार पर किया गया है। सरकार ने सभी के लिए आवास के तहत लाभार्थियों के खातों में 40,000 हजार रुपए हस्तांतरित कर दिए हैं।
सरकार ने चालू वित्त वर्ष में PMAY मध्य प्रदेश के तहत 15,000 घर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है, जो वर्तमान वित्तीय वर्ष 2017-18 में पूरा होगा। पहली किस्त प्राप्त करने वाले लाभार्थियों ने घर का निर्माण शुरू कर दिया है।
घर का निर्माण सरपंच और गांव के सचिव द्वारा किया जाता है। जिला और जिला पंचायत के अधिकारी समय-समय पर निरीक्षण करके घरों की प्रगति भी देख रहे हैं।
प्रगति के तौर पर प्रधानमंत्री आवास योजना के 2417 लाभार्थियों को दूसरी किस्त मिल चुकी है। ग्रामीण क्षेत्रों में, PMAY तेजी से काम कर रही है।
जिला के सीईओ प्रवीण आइवेन का कहना है कि चूंकि यह राशि सीधे लाभार्थी के खाते में जा रही है, इसलिए घर का काम लाभार्थी द्वारा ही किया जाता है। सरपंच और जिला पंचायत के अधिकारियों और कर्मचारियों का काम, लाभार्थी द्वारा बनाए गए आवास की निगरानी करना और आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करना है।
PMAY की प्रक्रिया
प्रधानमंत्री आवास योजना के नियमों के मुताबिक, आवास को 280 वर्ग मीटर में बनाया जाना है, जिसमें एक कमरा, एक रसोई और एक बरामदा शामिल है। इसे बनाने का कोई दायित्व नहीं है, लेकिन हर परिस्थिति में, आवास के 280 वर्ग मीटर में हो इसका पालन करना होगा। यदि लाभार्थी इतने क्षेत्र में आवास नहीं बनाता है, तो उसको पीएम आवास योजना की अतिरिक्त किश्तों का भुगतान नहीं किया जाएगा।
राशि तीन किस्तों में दी जाएगी।
प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट के अनुसार, हर लाभार्थी को आवास के लिए 1लाख 20 हजार रूपये का अनुदान दिया जाएगा। 40-40 हजार की सभी राशि तीन किश्तों में दी जाएगी। राशि लाभार्थी के खाते में सीधे भेजी जा रही है। निर्माण के प्रमाण प्रस्तुत करने के बाद प्रत्येक किस्त को दिया जाएगा। लाभार्थी को प्रमाण के लिए संबंधित अधिकारी को स्थान के साथ के आवास की तस्वीर देनी होगी। अधिकारी की संतुष्टि के बाद ही, लाभार्थी को अगली किस्त जारी की जाएगी।
जिला के सीईओ प्रवीण आइवेन के अनुसार, अगर लाभार्थी आवास नहीं बनाते हैं, और यदि राशि शराब या किसी अन्य काम पर खर्च होती है, तो राशी को वापस करना होगा। पहला नोटिस उन लाभार्थियों को दिया जाएगा जो ये सब करते हैं। इसके बाद, कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।